Kalsarp Dosh Puja WhatsApp
Clear Image

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

पूजन के लिए

हमारे विशेष अनुष्ठानों और पूजन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए फॉर्म भरें।

Image 1

महामृत्युंजय जाप

Image 2

मंगलभात दोष पुजा

Image 4

मूर्ति प्रतिष्ठा

Image 5

अर्क / कुम्भ विवाह

Image 5

सूर्य ग्रहण और अंगारक योग

Image 5

नव चंडी एवं शतचंडी अनुष्ठान

Image 5

संतान गोपाल अनुष्ठान

Image 5

रुद्राभिषेक पूजा

Image 5

संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा

पंडित जी के प्रमाण पत्र

पंडित जी ने अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत बाल्यावस्था से की थी। उन्होंने अपने अध्ययन और साधना के दौरान विभिन्न प्रतिष्ठित धार्मिक संस्थाओं से प्रमाण पत्र प्राप्त किए हैं। उनके पास कर्मकांड, ज्योतिष, वेद, शास्त्र, और भागवत कथा में गहरी जानकारी है। पंडित जी ने कई महाविद्यालयों और आध्यात्मिक संस्थाओं से मान्यता प्राप्त की है। उन्होंने विशेष रूप से श्रीमद् भागवत महाविद्यालय और पाणिनि विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख केंद्रों से शिक्षा प्राप्त की है, जहाँ से उन्हें धर्मशास्त्र और ज्योतिषशास्त्र में विशेषज्ञता प्राप्त हुई है। इसके अलावा, वे पिछले 9 वर्षों से विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा विधियों, और यज्ञों का संचालन कर रहे हैं। पंडित जी का यह प्रमाण पत्र उनके धर्म और आध्यात्मिक क्षेत्र में अपार ज्ञान और अनुभव को प्रमाणित करता है।

Image 1
Image 2
Image 3
Image 4
Image 5
Image 6
Image 7
Image 8

पंडित जी के बारे में

बाल्यावस्था से ही राम लखन जी की रुचि आध्यात्मिक एवं दैविक पुस्तकों में रही है। उनका बचपन उज्जैन की पावन भूमि पर बीता, जहां उन्होंने श्री रामानुज कोट रामघाट मार्ग पर प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। आगे चलकर उन्होंने शासकीय संस्कृत महाविद्यालय और पाणिनि विश्वविद्यालय, उज्जैन में अपनी विद्वता को निखारा। इसके बाद वे वृंदावन पहुंचे, जहां श्रीमद् भागवत महाविद्यालय केशी घाट पर संगीत और भागवत कथा का गहन अध्ययन किया। विगत 9 वर्षों से राम लखन जी ने कर्मकांड, ज्योतिष, भागवत यज्ञ, तथा अन्य वैदिक अनुष्ठानों में अपनी विशेष योग्यता स्थापित की है। वे अनेक महाविद्यालयों और आध्यात्मिक संस्थानों से मान्यताएं प्राप्त कर चुके हैं। उनका जीवन ज्ञान और सेवा के आदर्श पर आधारित है। उन्होंने न केवल वैदिक ग्रंथों और कर्मकांड में महारत हासिल की है, बल्कि अपने ज्ञान को समाज में प्रचारित करने का कार्य भी किया है। उनके द्वारा आयोजित यज्ञ और अनुष्ठान में न केवल धार्मिक महत्व होता है, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। उनकी कथा शैली में अद्वितीय आकर्षण है, जो श्रोताओं को भगवान की लीलाओं और वेदांत के गूढ़ संदेशों को समझने में सहायता प्रदान करती है। राम लखन जी का उद्देश्य न केवल आध्यात्मिकता का प्रसार करना है, बल्कि नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की मूलभूत शिक्षाओं से जोड़ना भी है। उनकी सादगी, विनम्रता और ज्ञान ने उन्हें देशभर में प्रसिद्ध बना दिया है। वे सदैव लोगों को सत्य, धर्म, और कर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

Logo 1

20 वर्ष से अधिक का अनुभव

गुरुजी को पूजा में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है

Logo 2

24/7 उपलब्ध

हम अपने ग्राहकों के लिए 24/7, 365 दिन उपलब्ध हैं।

Logo 3

निःशुल्क ऑनलाइन परामर्श

कॉल पर निःशुल्क ऑनलाइन परामर्श उपलब्ध है।

Logo 4

निःशुल्क ज्योतिष परामर्श

ग्राहकों की आवश्यकता के अनुसार एस्ट्रो परामर्श भी प्रदान किया जाता है।

Kalsarp Dosh Puja

Kalsarp Dosh Puja

पंडित राम लखन शर्मा जी द्वारा कालसर्प दोष निवारण पूजा​

जन्म कुंडली में राहु केतु के बीच जब सारे ग्रह बैठ जाते हैं, तो कालसर्प दोष कुंडली होता है। सूर्य और चंद्र ग्रह भी राहु केतु के बीच में अगर हो तो कालसर्प दोष बनता है। इसी तरह, राहु केतु के बीच में किसी भी ग्रह की स्थिति से भी कालसर्प दोष उत्पन्न होता है। काल सर्प योग 12 प्रकार का होता है। इस दोष के कारण नौकरी और व्यवसाय में कई बाधाएं आ सकती हैं। दोष और शांति का प्रयास करने से जातक को शांति प्राप्त होती है और रुके हुए कार्य भी पूरे होने लगते हैं। सभी तीर्थों में सर्वश्रेष्ठ तीर्थ सबसे बड़ा स्थान उज्जैन को माना गया है क्योंकि यहां महाकुंभ लगता है और यहां महाकाल विराजित है। उज्जैन के शिप्रा नदी के किनारे कालसर्प दोष का पूजन किया जाता है।

काल सर्प दोष क्या है?

हिंदू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में सभी सात ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि) राहु और केतु के बीच होते हैं, तो उसे काल सर्प दोष कहा जाता है। इसका मतलब यह है कि व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच सारे ग्रह बंद होते हैं, जैसे एक सर्प की आकृति बन रही हो। इस दोष को “काल सर्प योग” भी कहा जाता है।

काल सर्प दोष के प्रभाव:

काल सर्प दोष के प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर विभिन्न प्रकार से पड़ते हैं। यह दोष मानसिक, शारीरिक, और भौतिक समस्याओं का कारण बन सकता है। इस दोष के कारण व्यक्ति को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:

काल सर्प दोष पूजा के लाभ:

काल सर्प दोष पूजा एक प्रभावी उपाय है, जो इस दोष को कम करने, नष्ट करने या इसके दुष्प्रभावों को नियंत्रित करने के लिए की जाती है। इस पूजा के लाभ निम्नलिखित हो सकते हैं:

काल सर्प दोष पूजा कैसे की जाती है?

काल सर्प दोष पूजा बहुत ही विशेष पूजा होती है, जिसे किसी योग्य पंडित या आचार्य से करवाना चाहिए। इस पूजा में निम्नलिखित प्रमुख तत्व होते हैं:

काल सर्प दोष पूजा कब करें?

काल सर्प दोष पूजा को खास समय में करना अधिक फलदायक माना जाता है, जैसे – नव रात्रि, राहु काल, सोमवार या शनिवार।

निष्कर्ष:

काल सर्प दोष पूजा एक महत्त्वपूर्ण उपाय है, जो जीवन में समस्याओं को कम करने और सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करती है। विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में इसका पालन करने से जीवन में शांति, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति हो सकती है।

Kalsarp Dosh Puja

Mangal Dosh Puja

पंडित रामलखन शर्मा : मंगल दोष के सरल समाधान के लिए उज्जैन में पूजन का विशेष महत्व

मंगल दोष एक ज्योतिषीय दोष है जो जन्मकुंडली में मंगल ग्रह के विशेष स्थानों (1, 4, 7, 8, 12) पर बैठने से उत्पन्न होता है। मंगल दोष के प्रभाव के बारे में विशेष विचार किया जाता है, और इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर गहरा प्रभाव हो सकता है। इस दोष के कारण व्यक्ति को वैवाहिक, संबंध, समस्याएं, अनिश्चितता, पारिवारिक विवाद, धन संबंधी समस्याएं, संपत्ति में कमी, भूमि-संबंधी परेशानियां, शरीरिक समस्याएं जैसे रक्तचाप, मस्तिष्क सम्बन्धी रोग l मंगल के कुण्डली मे बैठने के अनुसार उच्चनीच का फल आदि हो सकता हैं।जब चंद्र कुंडली और नवमांश में मंगल इन स्थानो पर बैठता है, तो भी इसका गहरा प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर होता है।
मंगल दोष को शांत करने के लिए ज्योतिष विद्या में विभिन्न उपायों का उल्लेख होता है। जैसे – # मंगल दोष को शांत करने के लिए कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:
1.मंगलनाथ मंदिर व अंगारेश्वर मंदिर (उज्जैन)मंगल शांति का भात पूजा करवाना। 2. मंगल ग्रह का 44,000 बार जाप करवाना। व हनुमान जी की सेवा करना l 3. लाल वस्त्रों का त्याग कर लाल रंग की चीजों का दान करना। 4.गाय की सेवा कर गुड़ रोटी खिलाना आदी l

मंगल दोष क्या है?

मंगल दोष, जिसे “मंगल ग्रह दोष” या “चंद्र मंगल दोष” भी कहा जाता है, एक ज्योतिषीय दोष है जो तब उत्पन्न होता है जब जन्म कुंडली में मंगल ग्रह (लाल ग्रह) चंद्रमा, सूर्य, शुक्र या अन्य ग्रहों के साथ अवांछनीय स्थिति में होता है। खासतौर पर जब मंगल ग्रह 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित होता है, तब उसे मंगल दोष माना जाता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियों का कारण बन सकता है, विशेष रूप से विवाह और पारिवारिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

मंगल दोष के प्रभाव:

  1. विवाह में विलंब: मंगल दोष होने पर विवाह में देरी या अड़चनें आ सकती हैं।
  2. संयुक्त परिवार में विवाद: मंगल दोष के कारण पारिवारिक जीवन में तनाव, विवाद और संघर्ष हो सकते हैं।
  3. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: मंगल दोष के कारण व्यक्ति को शारीरिक बीमारियाँ हो सकती हैं।
  4. आर्थिक संकट: मंगल दोष व्यक्ति के वित्तीय जीवन में रुकावटें उत्पन्न कर सकता है।
  5. मनोरंजन और खुशियाँ कम होना: मंगल दोष के प्रभाव से मानसिक तनाव और अवसाद बढ़ सकता है।

मंगल दोष पूजा के लाभ:

  1. विवाह में सफलता: पूजा से विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है।
  2. पारिवारिक शांति: यह पूजा पारिवारिक रिश्तों में सुधार लाती है।
  3. स्वास्थ्य लाभ: मंगल दोष पूजा से शारीरिक बीमारियाँ कम हो सकती हैं।
  4. आर्थिक स्थिति में सुधार: पूजा व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करती है।
  5. मानसिक शांति: मानसिक तनाव और गुस्से को शांत किया जा सकता है।

मंगल मंत्र:

ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः मंगळाय नमः।

इस मंत्र का 108 बार जप करें, या अधिक संख्या में जैसे 1008 बार जप करें।


मंगल दोष पूजा कब करें?

  1. मंगलवार: मंगल ग्रह का दिन होने के कारण यह दिन उपयुक्त है।
  2. शिवरात्रि: इस दिन पूजा करने से अधिक लाभ मिलता है।
  3. नवग्रह पूजा: इस पूजा में मंगल पूजा भी सम्मिलित की जा सकती है।

निष्कर्ष: मंगल दोष पूजा व्यक्ति के जीवन में मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव को कम करती है और सकारात्मकता लाती है। इसे सही विधि और श्रद्धा से करना चाहिए।

उज्जैन मंगलनाथ पूजा – मंगल दोष निवारण का सर्वोत्तम स्थल

मंगलनाथ मंदिर उज्जैन विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषीय और धार्मिक महत्व का स्थान है। यह स्थान विशेष रूप से मंगल ग्रह के दोष निवारण के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। मान्यता है कि यहां मंगल दोष, कुंडली में पितृ दोष, विवाह में विलंब, वैवाहिक जीवन की समस्याएँ और करियर में रुकावट दूर करने के लिए पूजा-अर्चना करने से शीघ्र लाभ मिलता है।

मंगलनाथ पूजा का महत्व

मंगल दोष निवारण के लिए सबसे शक्तिशाली स्थान।
विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने वाली सिद्ध पूजा।
जीवन में समृद्धि, सुख-शांति और सफलता प्रदान करने वाली पूजा।
पितृ दोष और वैवाहिक कलह को शांत करने का उपाय।

मंगलनाथ मंदिर उज्जैन क्यों प्रसिद्ध है?

यह स्थान मंगल ग्रह का जन्मस्थल माना जाता है। यहां की गई पूजा से जातक को तुरंत सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं। देश-विदेश से श्रद्धालु यहां मंगल दोष पूजा, मंगल भात पूजा और विशेष अनुष्ठान करवाने आते हैं।

मंगल दोष निवारण पूजा के लाभ

विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।
दांपत्य जीवन सुखी एवं सफल बनता है।
करियर और व्यापार में उन्नति होती है।
मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
उज्जैन में मंगलनाथ पूजा बुकिंग यदि आप मंगल दोष पूजा या मंगलनाथ मंदिर में विशेष अनुष्ठान कराना चाहते हैं, तो अनुभवी और विद्वान पंडितजी से पूजा करवाना अत्यंत आवश्यक है। सही विधि-विधान से की गई पूजा से ही जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं।

मंगल दोष पूजा FAQ

WhatsApp

छवि गैलरी

Image 1
Image 2
Image 3
Image 4
Image 5
Image 6
Image 7
Image 8

सर्व देव

पूजा विशेषज्ञ के रूप में, गुरुजी ने इस पूजा में
विशेष निपुणता हासिल की है। उन्होंने अब तक अनगिनत शांति पूजा और यज्ञ
संपन्न किए हैं, जिनसे यजमानों को तुरंत ही उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त हुए हैं।

संपर्क करे

पता: Kanipura Road Giriraj Ratan Colony A Sector, House No: 539, Ujjain (M.P.)

ईमेल:ramlakhansharma8319@gmail.com

संपर्क नंबर: +916263635078